कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच गंगा हमें संभवतः जैविक हमलों से बचा पाती – अगर उसे बहने दिया जाता। सौ साल भी नहीं हुए, निंजा वायरस हमारी गंगा नदी में इफरात पाए जाते थे। वैज्ञानिक इन्हें बैक्टेरियोफाज कहते हैं और लोग इसे गंगत्व। संक्रमण फैलने से रोकने में इनका महत्व समझना चाहिए। सुनिए क्या थी गंगाजल की यह विशेषता…
आलेख: अभय मिश्र
स्वर: नूपुर अशोक
प्रस्तुति: हिन्दी जंक्शन
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Topics Covered: Ganga River, Bacteriophage in Ganga, Ganga Water Properties, Hindi Podcast
बेहद सूचनापरक और जागरूक आलेख
यह आलेख सुन कर “गंगत्व” से परिचय हुआ। “निंजा वायरस”
निश्चय ही गंगा हमारी जीवनदायनी है परन्तु इस और सरकार की उदासीनता और नागरिकों की उपेक्षा भारतवासियों को संकट में डाल सकती है।
यह आलेख ज्ञानवर्धन के साथ सचेत भी करता है।
लेखक के प्रति मेरा आभार
बहुत सुन्दर प्रभावशाली जानकारी !
साधुवाद !!
appka yeh Podcask bahot hi pasand aaya evam kafi sari jaankariya mili…. kripya aisa kaarya aage bhi karte rahiye
वाह… 👌👌👌
पता नहीं हम प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को कब समझेंगे… हर कृत्रिम उपक्रम प्राकृत का दमन करती है… क्या मनुष्य का यह व्यावहार भी, मानव सभ्यता का ही वर्तमान विकास क्रम है…?
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