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हिंदी जंक्शन

एपिसोड 1: प्राकृतिक सैनीटायज़र हुआ करती थी गंगा

पॉडकास्टजंक्शन पर आपका स्वागत है! हिन्दीजंक्शन के इस स्तंभ में रचनाओं एवं आलेखों को सस्वर प्रकाशित किया जाता है। आप अपना अनुभव हमसे अवश्य साझा करें।

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Hindi Junction Podcast

कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच गंगा हमें संभवतः जैविक हमलों से बचा पाती – अगर उसे बहने दिया जाता। सौ साल भी नहीं हुए, निंजा वायरस हमारी गंगा नदी में इफरात पाए जाते थे। वैज्ञानिक इन्हें बैक्टेरियोफाज कहते हैं और लोग इसे गंगत्व। संक्रमण फैलने से रोकने में इनका महत्व समझना चाहिए। सुनिए क्या थी गंगाजल की यह विशेषता…

आलेख: अभय मिश्र
स्वर: नूपुर अशोक
प्रस्तुति: हिन्दी जंक्शन

 

यह पॉडकास्ट आपको कैसा लगा तथा आगे किन विषयों पर सुनना चाहेंगे, अपनी प्रतिकृया अवश्य दें। नए एपिसोड की जानकारी के लिए सब्सक्राइब करें या सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें।


Topics Covered: Ganga River, Bacteriophage in Ganga, Ganga Water Properties, Hindi Podcast

Tags: Abhay MishraGanga RiverNupur Ashok

Comments 4

  1. Asha Rani says:
    3 years ago

    बेहद सूचनापरक और जागरूक आलेख
    यह आलेख सुन कर “गंगत्व” से परिचय हुआ। “निंजा वायरस”
    निश्चय ही गंगा हमारी जीवनदायनी है परन्तु इस और सरकार की उदासीनता और नागरिकों की उपेक्षा भारतवासियों को संकट में डाल सकती है।
    यह आलेख ज्ञानवर्धन के साथ सचेत भी करता है।
    लेखक के प्रति मेरा आभार

    Reply
  2. मनोज कुमार says:
    3 years ago

    बहुत सुन्दर प्रभावशाली जानकारी !
    साधुवाद !!

    Reply
  3. Atul Krishna says:
    3 years ago

    appka yeh Podcask bahot hi pasand aaya evam kafi sari jaankariya mili…. kripya aisa kaarya aage bhi karte rahiye

    Reply
  4. Subhash jha says:
    3 years ago

    वाह… 👌👌👌

    पता नहीं हम प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को कब समझेंगे… हर कृत्रिम उपक्रम प्राकृत का दमन करती है… क्या मनुष्य का यह व्यावहार भी, मानव सभ्यता का ही वर्तमान विकास क्रम है…?
    🌺🌿

    Reply

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