‘हिंदी दिवस’ को लेकर सभी पखवाड़ों में इस बार सुगबुगाहट कुछ ज्यादा है. परन्तु कहीं आलोचना के रूप में, तो कहीं हसीं-फसाद तो कहीं फब्तियां भी कसी जा रही है. कई लोग इसे महज़ एक ‘औपचारिक दिवस’ भी मानते हैं जो बस खानापूर्ति के लिए ही होता है. ऐसे में इर्शाद कप्तान के कार्टून बहुत कुछ कहते हैं.
1.
2.
3.
4.
मैं हिंदी के लिए सच में कुछ करना चाहता हूँ, इसलिए आज कोई कोलाहल नहीं करूँगा ! #विश्व_हिन्दी_सम्मेलन
— Kumar Amit (@bloggeramit) September 10, 2015
5.
6.
7.
8.
साभार : इर्शाद कप्तान
Topics Covered : Irshad Kaptan Cartoons, Hindi Diwas, Hindi Cartoons, Situation of Hindi Language