बजाय इसके कि एक अच्छे वेबसाइट या ब्लॉग में किन तत्वों का समावेश होना चाहिए, मैं इस लेख में उनका उल्लेख करूंगा जिनसे आपको परहेज करना चाहिए. ‘क्या न करें’ की जानकारी भी उतनी ही आवश्यक है जितना ‘क्या करें’ की. ये ऐसे वेब तकनीक या ट्रेंड हैं जिन्हें अब तक ख़त्म हो जाना चाहिए था !
पाठक संख्या की गिनती बताने वाला काउंटर, बेतरतीब लेआउट, भागता हुआ वाक्य, फ़्लैश इंट्रो, बैकग्राउंड संगीत, अधिकाधिक सोशल मीडिया बटन, खिज पैदा करने वाले पॉपअप, जबरन ध्यान खीचने वाली एनिमेटेड वस्तुएं, घूमता ग्लोब, साइडबार में कैलेंडर या घड़ी इत्यादि आज भी आपको बहुत सारे वेबसाइट पर मिल ही जाएंगे जो उसकी जीर्ण-शीर्ण अवस्था बताने के लिए काफी है. एक समय था जब यह फैंसी फीचर कहे जाते थे. इन्टरनेट और वेबसाइट खुद एक ऐसा ट्रेंड है जो निरंतर बदलाव और नवीनीकरण के साथ आगे बढ़ता रहता है. इनमे से कईयों का इस्तेमाल या तो ख़राब डिज़ाइन की समझ के कारण आता है तो कई जगह खुद डेवलपर चूक जाते हैं.
अगर आप एक अच्छा और पाठकों के अनुकूल वेबसाइट बनाना चाहते हैं तो निम्न बातों का ध्यान रखें.
अच्छे ब्लॉग में निम्न तत्वों और तथ्यों से परहेज करें
1. विजिटर संख्या
यह तथाकथित ‘सुविधा’ पुरातन काल से चली आ रही है. आपके वेबसाइट पर मैं पाठक नंबर 15397 हूँ इससे मुझे क्या लेना-देना ? आप कहीं यह तो नहीं जताना चाहते कि मुझसे पहले भी कई लोग यहाँ आ चुके हैं और मैंने बहुत विलम्ब कर दिया ? और अगर आंकड़े की दृष्टि से भी देखें तो एक वेबसाइट विशेषज्ञ के पास बेहतर विकल्प मजूद है. किसी वेबसाइट का एक-एक पिक्सेल महत्वपूर्ण होता है, कोशिश करें कि वहां आप कुछ ऐसे वाईजेट लगाएं जो व्यावहारिक हो. महज़ स्थान भरने वाला कार्य न करें.

ऐसे और कई बेतुके वाईजेट लगाने से परहेज करें जैसे IP एड्रेस, तापमान (आप भू-विज्ञानी है तो अलग बात है), लहराता झंडा इत्यादि जो महत्वशून्य है. खुद से सवाल करें कि क्या पाठक को इससे कोई लाभ होगा ?
2. फ़्लैश इंट्रो
यकीन मानिए, होमपेज पर फ़्लैश इंट्रो या स्किप इंट्रो उतना ही व्यथित करता है जितना की ख़राब इन्टरनेट कनेक्शन. यह वैसा ही जैसे बात घुमाफिराकर कहना जबकि इन्टरनेट पर पाठक सीधा बिंदु पर आना जानते हैं.
‘कम-क्लिक और कम-समय’ – यह मानकर चले कि कोई भी पाठक उपलब्ध करायी गयी जानकारी कम से कम क्लिक और समय में पढ़ना चाहेगा. अमुक पृष्ठ तक पहुंचकर पढ़ने के लिए अगर उनका समय ज़ाया करेंगे तो ऐसे पाठक ‘close button’ तुरंत दबाकर निकल लेते हैं. दूसरों के पास उपलब्ध समय को समझे और अनावश्यक जानकारी तथा एनीमेशन से बचें जो ज्यादा समय लेता है.
3. निष्प्रभ रंगो के चुनाव के साथ उभरे हुए अक्षर (Beveled Text)

यह ‘स्पेशल इफ़ेक्ट’ फोटोशोप 7 के साथ ही दफ्न हो जाना चाहिए था. परन्तु कुछ शीर्षस्थ कला विशेषज्ञ इसे यूं जाने नहीं देंगे !
4. असंगत या असंबद्ध ‘स्टॉक इमेज’

टाई कोट पहना सेल्समेन, हैडफ़ोन लगायी लड़की, हाथ मिलाते व्यवसायी इत्यादि जैसी तसवीरें आपको लाखों कारोबारी वेबसाइट पर दिख जायेंगे. क्या आप चाहेंगे कि आपके वेबसाइट पर भी वही तस्वीर हो जो दुसरे अनगिनत पर हैं ? एक ही तरह के थीम वाली व एक जैसी दिखने वाली तस्वीर किसी नौसीखिए का काम लगता है. दूसरी बात, विदेशी तस्वीर आप अपने स्थानीय व्यवसाय से कैसे जोड़ेंगे ? ऐसे ग्राफ़िक्स आपके वेबसाइट के अन्य सामग्री से तालमेल बैठाता है भी या नहीं, इस बात का ख्याल रखें. कोशिश करें अपने कारोबार का थीम और जगह को ध्यान में रख बैनर या मुख्य तस्वीर लगाएं. नहीं तो चीज़ें नकली लगती है.
5. यह आपके तकनीकी सामर्थ्य को उजागर करता है
This site is best viewed in 1024×768 resolution using MS IE 8.0+, Google Chrome & Mozilla
ऐसा लिख कर आप पाठक को कोई सुविधा नहीं प्रदान कर रहें अपितु अपनी तकनीकी सीमा बता रहे हैं. आपने अपने फूटर पर पुरजोर घोषित कर रखा है कि ये सब आपके वेबसाइट की खामियाँ है और चुनिन्दा वातावरण में ही खुलता है जिसे आप दूर नहीं कर सकते. बेहतर होगा कि आप इन रुकावट को दूर करें और पाठक को एक अच्छा user experience दें. ऐसी बेतुकी विशिष्टता सरकारी वेबसाइट के लिए रहने दें जिनकी अक्षमता हर दुसरे वेबसाइट पर दिखती है.
6. चहलकदमी करता सूचना या वेलकम टेक्स्ट (Scrolling Marquees)

आपका यह स्वागत गान दरअसल इन्टरनेट के पाषाण युग का परिचायक है. ‘Welcome to my website’ का शाब्दिक नाच उस वक़्त अच्छा लगता था जब डिज़ाइन के नाम पर एक-दो HTML Marquee Scripts ही उपलब्ध थे. आपके पास अब HTML5, CSS3 और अनगिनत Javascripts है, अपने कल्पनाशक्ति का इस्तेमाल कीजिये.
वह वेबसाइट जिनपर नोटिस वाला एक भाग होता है (स्कूल, कॉलेज और सरकारी वेबसाइट इसमें अग्रणी है) की एक सबसे खास बात है की वह आपको ‘shoot the duck’ वाला खेल खेलाने से पीछे नहीं हटते. इस खेल का नियम यह है कि आपको अपने माउस के cursor से उन समाचारों या विज्ञप्तियों का शिकार करना है जो आपके लिए महत्वपूर्ण है. माउस पकडिये और दौड़ जाइए उस भागते text के पीछे !
क्या आप खुद के वेबसाइट पर ऐसी ‘सुविधा’ चाहेंगे ?
7. नॉन-रेस्पोंसिव डिज़ाइन
अब तो गूगल ने भी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कर दी है कि mobile friendliness भी उनके सर्च अल्गोरिथम का हिस्सा है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर अपने वेबसाइट को सर्च पेज के शीर्ष पर दिखाना है तो अपने वेबसाइट को responsive layout दें. इस बात का भी ध्यान रखें कि मोबाइल से इन्टरनेट पर जुड़ने वाले पाठकों की भी बेतहाशा वृद्धि हुई है और जो जारी रहेगी. अगर आपका वेबसाइट मोबाइल पर ठीक प्रकार नहीं खुल पाता तो आप एक संभावित संख्या के पाठक खो रहे हैं.

आपका वेबसाइट मोबाइल के दृष्टि से कितना सही और सटीक है, इसका आकलन गूगल के Mobile-Friendly Test Tool से कर सकते हैं.
8. Win98 युग की टाइपोग्राफी

आधुनिक टाइपोग्राफी के कुछ नियम है जिसका ज्ञान आपको सामायिक रूप से एकत्रित और अपडेट करना चाहिए. न ही भद्दे बैकग्राउंड का इस्तेमाल करें और न ही उन फॉण्टस का इस्तेमाल करें जो नौसीखिया लगे. यह भी कोशिश करें कि अलग-अलग फॉण्ट का बहुतायत इस्तेमाल न करें. साथ ही बैकग्राउंड का भी ख्याल रखें. Win98 के समकालीन दिखावट से बाहर आएँ.
नए वेब ट्रेंड का ध्यान रखना आवश्यक है.
बोनस टिप्स : ‘web trends XXXX’. आप इस वाक्य में xxxx की जगह मौजूदा साल लगाकर का सर्च में इस्तेमाल करें और सदृश पोस्ट को पढ़ें.
9. Sharing Button का अत्यधिक व अनावश्यक इस्तेमाल
आपको अमुक plugin मुफ़्त मिली है इसका कतई यह मतलब नहीं कि इसकी अती कर दी जाए. अपने पाठकों पर अनावश्यक ‘call to action’ लिंक्स न थोपें. शेयर बटन का उपयोग यथोचित स्थान पर करें वह भी स्वक्ष तरीके से. अपने वेबसाइट पर इसे लादने से आपके पेज की गति तो धीमी होगी ही, पाठक भी अनावश्यक वस्तुएं दृष्टि में आने से खिज जाएंगे.
वेबसाइट के सभी कोने में सोशल मीडिया बटन ठूंस देने से आपके पोस्ट वायरल नहीं हो जाएंगे. आपको अच्छा लेख भी लिखना होगा.
10. ‘Right Click’ को निष्क्रिय करना
अगर आपको लगता है कि ‘right click’ को निष्क्रिय करके आपने अपने लेख को चोरी होने से बचा लिया तो बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं. और इससे आपको जितना फायदा नहीं होता उससे कई ज्यादा नुकसान की स्थिति बनी रहती है. ‘right click’ के नाम पर आपने कॉपी तो बंद कर दी (जिससे बचकर निकलने के कई तरीके हैं) पर उन ब्राउज़र फीचर का क्या जो अपरोक्ष रूप से आपके लाभ पहुंचा सकता है. जैसे नए टैब में लिंक खोलना, तस्वीर सेव कर फिर उसे साझा करना (अपने वॉटरमार्क लगा रखी है तो आपके ही ट्रैफिक को बढ़ावा मिलेगा), आपके किसी खास वाक्य को कॉपी कर साझा या quote करना, लेख प्रिंट करना तथा अन्य सहूलियत जो पाठक के अधिकार क्षेत्र में होने चाहिए. आप अपना कॉपीराइट वाला पक्ष दृढ कीजिये, न की तथाकथित फायदे के मद में अन्य सुविधाओं का हनन.
ब्लॉगिंग या वेबसाइट बनाने के लिए हमारे पास अनगिनत संसाधन और सामग्रियाँ उपलब्ध है. परन्तु मुफ़्त हाथ लगी चीज़ों या ज्ञान का हम इतना दुष्प्रयोग करने लगते हैं कि इसे मूर्त रूप देते-देते बेकार बना देते हैं. मैंने कई डेवलपर को ऐसा करते देखा है. वो किसी विशेष स्क्रिप्ट को अपने वेबसाइट पर सिर्फ़ इसलिए डालना चाहते हैं क्योंकि ‘वह उपलब्ध है’ या ‘उन्होंने ऐसा करना सीखा है’. परन्तु इसकी क्या ‘सच में कोई आवश्यकता है ?’, इस पहलु को दरकिनार कर हम एक बेढब वेबसाइट बना बैठते हैं. पाठकों की सुविधा-असुविधा को सबसे ज्यादा तरजीह दें.
आपकी राय ?
आशा है आप उपरोक्त बातों का ध्यान रखेंगे. आपकी अपनी कोई राय हो तो नीचे अपनी टिप्पणी अवश्य दें !
Topics Covered : Blogging Advise, Blogging Tips, Blogging Mistakes, Modern Website Trends